अपने ही हाथों कर रहे है पर्यावरण की हत्या
पेड़ पौधों हरयाली को छोड़ कर रहे है दीवारों की रक्षा
काट रहे है पेड़ों को कर रहे है जंगलों का नाश
जो नहीं चेते अभी भी तो
हो जायेगा सब खाक जल की बूंद बूंद को तरसेंगे हम और आप !
अनुज पारीक
पेड़ पौधों हरयाली को छोड़ कर रहे है दीवारों की रक्षा
काट रहे है पेड़ों को कर रहे है जंगलों का नाश
जो नहीं चेते अभी भी तो
हो जायेगा सब खाक जल की बूंद बूंद को तरसेंगे हम और आप !
अनुज पारीक
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