Tuesday 12 July 2016

अपने ही हाथों कर रहे है पर्यावरण की हत्या 
पेड़ पौधों हरयाली को छोड़ कर रहे है दीवारों की रक्षा 
काट रहे है पेड़ों को कर रहे है जंगलों का नाश 
जो नहीं चेते अभी भी तो 
हो जायेगा सब खाक जल की बूंद बूंद को तरसेंगे हम और आप ! 
अनुज पारीक

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