Wednesday 13 July 2016

गरीबी-अनुज पारीक

गरीबी हाथ से रिश्तो का दामन छीन लेती है ,पिता की मौत भी बच्चो से बचपन छीन लेती है .गरीबी खुशियां छीन लेती है! जरुरत और मजबूरियां आदमी से घर आँगन छीन लेती है हालातो में फसे आदमी से तो अपने भी मुॅह मोड़ लेते है ,गरीबी हाथ से रिश्तों का दामन छीन लेती है !! (अनुज पारीक)

कितना अच्छा लगता है

कुछ न करते हुए बैठे रहना घंटो तक सुनना सिर्फ़ उस हसी को कितना अच्छा लगता है .भूल जाना हर एक परेशानी को खुद ही में खोकर तुझे पा लेना कितना अच्छा लगता है. खोकर कही नए तराने बुनता हूँ नए सुर में गुन गुनाना अच्छा लगता है .ANUJPAREEK

‪#‎A‬ ‪#‎College‬ ‪#‎Going‬ ‪#‎Student‬ -‪#‎ANUJPAREEK‬

‪#‎A‬ ‪#‎College‬ ‪#‎Going‬ ‪#‎Student‬ -‪#‎ANUJPAREEK‬

कभी कभी एक ख्याल जो दिल में आता है चेन-ओ -सुकून सब चला जाता है
सोचता हूँ कभी जो उस दायरे में तो लगता है जैसे सिर पर बाल ही ना हो
और अगर किसी college going student के कोई gf ना हो तो जैसे सिर पर बाल ना हो
मेरी कहानी भी कुछ ऐसी ही थी और मुझे भी कई बार ऐसा ही लगता था
लेकिन जब जब भी सोचता हूँ उस दायरे में तो एक फ़र्ज़ हूँ मैं !घर से मीलो-दूर आया हूँ . कुछ करना है नाम कमाना है पैसा कमाना है .पर अपने दोस्तों को देख कर कर कभी कभी लगता था की Bike राइडिंग , किसी मॉल के बाहर घंटो खडे रहना, आँखे सेकना,धुँआ के साथ चाय की थडियों पे गप-शप करना शायद यही वक़्त बिताने का एक तरीका होता है .किसी कॉलेज स्टूडेंट के लिए और मुझे भी लगता की अब तो Gel लगानी चाहिए .. और लगता भी क्यों ना आखिर मैं भी तो एक कॉलेज गोइंग स्टूडेंट था ..लेकिन मैं जिसे वक़्त बिताना समझ रहा तो वो तो सिर्फ वक़्त ख़राब करना था खेर मैं जान चुका था ये सब time -पास नहीं लक्ष्य से by -pass है !और उसी Time को Utilize कर मेने अपने Field of Interest पर काम करना शुरू किया ..बार-बार हाथ लग रही असफलताओं के बावजूद भी कभी हार नहीं मानी................. बस चलता गया "खुद ही से वायदा किया नहीं रुकना है चलते रहना है जब तक नाम "अनुज " ना हो इस ज़िंदगानी में"आज माता-पिता के आशीर्वाद और परमेश्वर की विषेश कृपा दृष्टि के फलस्वरूप जीवन में बहुत अच्छा कर पा रहा हूँ.......Thank U GOD


Creative Writer Anuj PareekE: anuj_@live.com



Dekho -------------- ek raah

Andhero ke beech se Zindagi ne kaha ki,, Dekho 👉 Ujjas ho raha hai..  
Anuj Pareek

WORDORB-MyWORDIsMyWORLD


‪#‎माँ‬ #maa

‪#‎माँ‬
‪#‎MyWORDIsMyWORLD‬
एक तू ही है की जिसने
मेरी पीड़ा को छावं दी
वरना
टूट गया था मैं तो
हर बार हर लम्हा हर पल सम्भाला तूने वरना
इतनी शानो शौकत से कहा खड़ा कर पता अपने आप को
एक तू ही तो थी माँ जिसने बार बार हर बार सवारा मुझे
हर डगर हर राह पर तूने ही तो हौसला बढ़ाया था मेरा !
Written by ‪#‎AnujPareek‬

#KOSHISH-KoshishbyAnujPareek


Tuesday 12 July 2016

अपने ही हाथों कर रहे है पर्यावरण की हत्या 
पेड़ पौधों हरयाली को छोड़ कर रहे है दीवारों की रक्षा 
काट रहे है पेड़ों को कर रहे है जंगलों का नाश 
जो नहीं चेते अभी भी तो 
हो जायेगा सब खाक जल की बूंद बूंद को तरसेंगे हम और आप ! 
अनुज पारीक

#Hope_जीने की एक राह.

आशा की एक किरण जीने की एक राह..........

zindagi

Zindagi ek sangarsh hai aur meri khani isse kuch jyada....

#नए तराने

खोकर कही नए तराने बुनता हूँ नए सुर में गुनगुनाना अच्छा लगता है......

extraChiz ‪#‎अतिरिक्तआय_रिश्वत‬ ‪#‎ExtraChiz‬ by Anuj Pareek

‪#‎ये_खाना‬-खाना क्या है??
हर दफ्तर में काउच.....
ये खाना खाना क्या है ,,,, 
कोईकम कोई ज्यादा ,, खाना खाना अब तो यही है हर जगह खाओ और खाने दो ,,,,
एक्स्ट्रा चीज़ आने दो
‪#‎अतिरिक्तआय_रिश्वत‬
‪#‎ExtraChiz‬

Anuj Pareek